गायब होने का बंगाली मंत्र | गायब होने का जादू | Qgayab hone ka amal | गायब होने का मंत्र
गायब होने का बंगाली मंत्र | गायब होने का जादू | Qgayab hone ka amal | गायब होने का मंत्र आज आपकी कितनी गयाब होने का एक ऐसा फार्मूला पेश किया जा रहा है के इस फार्मूले को करने के बाद आपकी वाइफ होने वाली इच्छाएं यह विशेष आपकी जरूरत पूरी होगी जब चाहे कहीं जा सकते हैं कोई सामान उठाकर लेकर आ सकते हैं किसी भी डरा सकते हैं और गयाब होकर मुलाकात कर सकते हैं कोई आपको नहीं देख सकेगा ना कोई इंसान और ना कोई चीज नाथ और यह जो फार्मूला है बनावटी फार्मूला नहीं है टे आज आपकी खिदमत में पेश किया जा रहा है यकीन कर सकते हैं
इस लेख में इन विषयो पर बात करेंगे
- गायब होने का बंगाली मंत्र
- गायब होने का जादू
- गायब होने का मंत्र क्या है।
- गायब होने का जड़ी बूटी
- गायब होने का जादू कैसे सीखें
- गायब होने का
- गायब होने का अर्थ
- Qgayab hone ka amal
- Qgayab hone ka formula
मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 101% यह फार्मूला सक्सेसफुल हुआ है मेहनत जरूर है आपको उसका फल उसका रिस्पॉन्स रिजल्ट जरूर मिलेगा आज पूरी डिटेल मैं आपको बताने वाला हूं आपको कुछ भी पूछना बाकी नहीं रहेगा मंत्र और विधि विधान सब कुछ इसका बताने वाला हूं आपसे एक रिक्वेस्ट करता हूं
आज हम बताने वाले हैं कि आप किस तरह से गायब हो सकते हैं इसमें आपको 40 दाने आपको चने के चाहिए होंगे चने के स्क्रीन पर आप देख सकते हैं देसी चना होता है इसके आपको 40 दाने चाहिए होंगे और एक बड़ा सा गमला दो चार गमले डाल सकते है जिम आप उनको बो सकें करना क्या है
आपको 41 चने के लिए नहीं और उनको पहले आप रात भर भिगो लें रात भर आप उनको भी बो जिससे कि वह जल्दी करो जल्दी उनके प्लांट्स तैयार हो जाए उनके पौधे जल्दी रुक जाए जितना भी जल्दी से उनके पौधे होंगे उतना ही जल्दी आपका काम हो जाएगा तो आपको क्या करना है गमले में नॉर्मल मिट्टी डालनी है ठीक है जैसे की कोई भी पौधों को उगाने के लिए मिट्टी डाली जाती है होने के बाद सुबह को चने पर हर एक एक दाने पर एक दाना हाथ में लेंगे और सूर्य यासीन शरीफ कुराने करीम के मेंसूरह यासीन एक बहुत मशहूर सूरत है।
उसे पूरी सूरत को मुकम्मल सूरत को चने के दाने पर दम कर देंगे दाएं हाथ में चला लेंगे और उसके दाने पर दम करके मतलब तीन बार उसे पर फूंक मारेंगे अलग रख देंगे फिर दूसरे चने का दाना इसी तरह उठाएंगे सूरह यासीन शरीफ पड़ेंगे कंप्लीट करने के बाद तीन बार फूंक मारेंगे उसे पर दम कर देंगे उसको अलग रख देंगे इसी तरह 41 पर आपको 41 बार आपको सूरह यासीन शरीफ आपको दरोद शरीफ भी पढ़ लेना चाहिए चने के दाने पर ना पड़े तो शुरू के दाने पर और लास्ट के दाने पर आपको पढ़ लेना चाहिए जब यह दाने कंप्लीट हो जाए
आप पर 41 बार सूरह यासीन शरीफ पढ़ सकते हैं 41 स्थान पर तो अब इन दोनों को आपको गमले में बो देना है जिनकी मिट्टी आपने पहले से रखी होगी और उसको नॉर्मल सिस्टम है यानी खाद और पानी जरूर दे जैसे इसमें जरूरत है वैसे देते रहे
जैसे कि प्लांट्स को उगते हैं कोशिश करें कि यह जल्दी से जल्दी एक प्लांट्स रुक जाएं तैयार हो जाएं एक वक्त मुकद्दर करके अगर आपने सुबह के वक्त पहले दिन पड़ा है तो आखरी दिन भी इस वक्त जो भी आपका टाइम है चाहे सुबह को दोपहर को शाम को इसका कोई टाइम फिक्स नहीं है कोई तारीख फिक्स नहीं है
आप इसको कर सकते हैं तो आपको इन पेड़ के पास बैठकर सूरह यासीन शरीफ 41 बार आपको पढ़नी है और इन दोनों पर चाहे एक कमरे में वही है दो चार में वही सब पर आपको फूंक मार देना है सब पर दम कर देना है पौधे धीरे धीरे उगेंगे पहले चाकू से निकलेंगे फिर पौधे उगेंगे पौधा धीरे धीरे धीरे धीरे बड़ा होता रहेगा यानी जैसे पौधा बड़ा हो जाए अब उसे पर दाने लगे समझ लो आपकी मेहनत रंग ला रही है जब चने पक कर तैयार हो जाएं
कुछ लोग उसको गलत अंदाज में भी यूट्यूब पर पेश करते हैं लेकिन वह तरीका गलत है जो तरीका में बता रहा हूं आप इस पर फोकस कीजिएगा प्लीज जब उसे पर दाने लगे और वह चने धीरे धीरे पकने लगे यानी कि पाक जाए जैसे चने वैसे ही चैन जब उन प्लांट्स में उन पौधों में तैयार हो जाएं तब आप समझ में आपकी मेहनत वसूल हो गई है जब चने पूरी तरह से पक जाएं और यह पेड़ सूख जाए चने के आप इनको घर में पानी डालकर इनको उखाड़ लीजिए मतलब यह है कि आपको चने नहीं बल्कि चने की जड़ की जरूरत है ठीक है जब आपने वह जड़ उखाड़ ली
अब आप एक मिरर एक दर्पण अपने हाथ में ले उसमें अपना चेहरा देखते रहे एक चने की जड़ को मतलब एक चने के पूरे प्लांट को पूरे प्लांट को जड़ सहित अपने हाथ में ले लेना दाहिने हाथ में और बड़े से शीशे में अपना चेहरा देखते रहें और सूरह यासीन शरीफ की तिलावत करते रहें उसमें आप अपने आप को देखेंगे अपने चेहरे को देखेंगे और उसे जल को भी उसमें देखेंगे और सूरह यासीन शरीफ की आप तिलावत करते रहेंगे 1 जड़ ऐसी होगी एक प्लांट ऐसा होगा एक पूरा का पूरा चने का एक छोटा सा जो पौधा है;
यह पूरा प्लांट एक ऐसा जरूर होगा कि जो शीशे में नजर नहीं आएगा और उसके नजर ना आने से आप भी शिक्षा में नजर नहीं आएंगे ना तो बहुत ज्यादा उसमें नजर आएगी ना आप नजर आएंगे आप समझ गए क्या आपका काम हो चुका है 40 बाकी के प्लांट्स हैं उनको भी और यह जो प्लांट है इसमें आप ना तो आपका चेहरा नजर आया शीशे में प्लांट नजर आया वह आपके लिए एक शेर है उसी की आपको जरूरत थी
अब आप उसको को अलग करना और उसकी जड़ को हरे कपड़े में लपेट कर दाहिने हाथ की तरफ दाहिने हाथ में या दाहिने साइड में उसको रखें कोई भी दुनिया का शख्स ना इंसान ना जन्नत आपको नहीं देख पाएगा आपके दाहिने साइड में रहेगा सब आपको देख सकते हैं तो यह बड़ा ही किसको सही तरीके से किया जाए मेरे ख्याल में मैं अभी तक किसी का सुना नहीं है लेकिन लोग उसको अलग अलग तरीके से पेश करते हैं इसका सही तरीका यही है जो हमने बताया तो आपको बराबर इसमें सूरह यासीन शरीफ पढ़ते रहना है ऐसा कमाल आपकी जिंदगी में होगा ऐसा कमाल आपकी जिंदगी में होगा |
गायब होने का बंगाली मंत्र | गायब होने का जादू सीखें
ॐ ह्रीं ह्रीं स्फ” श्मशानवासिनि स्वाहा “
इस मन्त्रका चार लाख जप करेगा। अदृश्य होनेका उपाय नित्य नैमित्तिक क्रियावान् साधक पवित्र होकर ‘रात में श्मशान में बैठकर नग्न होकर “इसमें सन्तुष्ट होकर यक्षिणी साधकको पादुका प्रदान करेगी। तेनावृतो नरोऽदृश्यो विचरेत् पृथिवीतले । अदृश्य होने का उपाय उस पादुकाद्वारा पदम जागृत कर समस्त पृथ्वी पर विचरण करनेसे भी उसको कोई देख नहीं सकता है।
आकन्द तूला, शिमूल तुला, कर्पास तूला, पटुसूत्र और पद्मसूत्र इन पवविध द्रव्यों द्वारा पाँच वति साधक प्रस्तुत करेगा। उसके बाद पांच मनुष्य मस्तककी खोपड़ियों में स्थापित कर नरकद्वारा इन पाँच दीपोंको जलाएगा। उसके बाद दूसरे पांच नरकपालोंको लाकर इन पाँच दीपों की शिखासे पृथक्-पृथक् कज्जलपात करना होगा।
बादमें इन
पाँच प्रकार कज्जलोंको एकत्र कर
ॐ हूँ फट् कालि कालि मांस- शोणितं खादय खादय देवी मा पश्यतु मानुषेति हूँ फट् स्वाहा” इस मन्त्रसे एक हजार आठ बार अभिमन्त्रित करेगा।
इस कज्जखके द्वारा चक्षुको जंजित करनेसे वह व्यक्ति देवताओं को भी नहीं दिखाई दे सकता है । “त्रैलोक्यादृश्वो भवति” अर्थात् त्रिभुवनमें उसको कोई देख नहीं सकता है। यह साधना कार्य श्मशानस्य शिवालय में ही करना प्रवास्त है श्मशान में शिवालय के अभाव में जिस किसी शिवालय में करना होगा।
इस अदृश्य कारिणी विद्याको प्राप्त करनेसे अपने ही अधिकार प्राप्त होना चाहिए। इसके लिये रातमें निशाचर का ध्यान करते हुए वामहस्त- द्वारा “
ॐ नमो निशाचर महामहेश्वर मम पर्यटतः सर्वलोकलोचनानि वन्धय बन्धय देव्याज्ञापयति स्वाहा’ इस मन्त्रको एकाग्रचित्तसे जपेगा । अयकारिणीं विद्यां लक्षजाप्ये प्रयच्छति ॥
Discover more from great gic
Subscribe to get the latest posts sent to your email.